10:29 am Friday , 31 January 2025
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समय से इलाज ना मिलने से हुई किशन पाल की मौत

*समय से इलाज ना मिलने से हुई किशन पाल की मौत??। इमरजेंसी में ड्यूटी से नदारद थी डा आकांक्षा। घायल तडपता रहा 30 मिनट बाद आई। ***********
उझानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की घोर लापरवाही बनी मौत की वजह।

उझानी बदायूं 9 अक्टूबर। कल कछला हादसे में चेतूनगला निवासी मृतक किशन पाल उर्फ गोतम 27 की हुई मौत में स्वास्थ्य विभाग की नाकामी बनी वजह। पहले मंडी गेट पर लगा जाम, फिर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इमरजेंसी ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक आकांक्षा नदारद थी। वार्डवाय के फोन करने के बाद भी डाक्टर आकांक्षा आधे घंटे बाद पहुंची। परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाऐ है। कल सुबह 8 बजे चेतूनगला निवासी युवक किशन पाल बितरोई मोड पर बंदरों के झुंड के हमले में बाइक फिसलने से गंभीर अवस्था में घायल होने पर, पुलिस तो तत्काल पहुंच गई ओर घायल को एंबुलेंस से सीएचसी लेकर चली। मंडी मोड पर जाम मे फंसी एंबुलेंस को निकलने में एक घंटा लगा। वही सीएचसी पर लाते ही डाक्टर ना मिलने से प्राथमिक उपचार ना मिल सका। सीएचसी पर तैनात डा आकांक्षा दो बार फोन करने के बाद भी आधा घंटा तक नहीं आई। चिकित्सा अधीक्षक राजकुमार गंगवार ने आते ही घायल को मेडिकल कालेज रेफर किया। मेडिकल कालेज जाने में भी बीस पच्चीस मिनट लगे । लगातार खून बहने से रास्ते में ही किशन पाल ने दम तोड दिया। पत्नी सत्यवती ओर बेवा मां मार्ग श्री का आरोप है , डाक्टरों की लापरवाही जो समय से इलाज ना मिल सका। हमारे परिवार का इकलौता खेवनहार काल के गाल में समा गया। किशन पाल की 6 साल का बेटा रोहित,ओर एक साल की बेटी शिवानी,के सर से बाप का साया उठ गया। ************** भविष्य में ना हो ऐसी पुनरावृत्ति ,,,डा राजकुमार गंगवार चिकित्सा अधीक्षक । जब इमरजेंसी ड्यूटी से नदारद डा आकांक्षा के बारे में चिकित्सा अधीक्षक से पूछा तो बोले कि भविष्य में ऐसा ना हो इसके लिऐ सभी चिकित्सकों को कह दिया गया है। कि इमरजेंसी ड्यूटी सही तरीके से की जाए जिससे आने वाले मरीजों को दिक्कत ना हो। हो सकता है कि डा आकांक्षा किसी काम मे लगी हो जिससे उन्हें आने में देर लगी हो, वैसे डा आकांक्षा अपनी सेवाएं पूरी ईमानदारी से पूरा करती है।**************राजेश वार्ष्णेय एम के