पुरानी पेंशन बहाली समेत 21 सूत्रीय मांगों हेतु लखनऊ में धरना 9 को-
जनपद के समस्त विकास क्षेत्रों से मांगे मनवाने हेतु बसों से लखनऊ पहुंचेंगे शिक्षक प्रतिनिधि-
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर जनपद के शिक्षक एवं शिक्षिकाएं जिलाध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा के नेतृत्व में अपनी पुरानी पेंशन बहाली समेत 21 सूत्रीय मांगो के समर्थन में आकस्मिक अवकाश लेकर शिक्षा निदेशालय, निशातगंज लखनऊ रवाना होंगे।
ज्ञातव्य है कि प्रदेश के शिक्षक एवं कर्मचारी पिछले कई वर्षों से पुरानी पेंशन बहाली समेत विभिन्न मांगों के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं परंतु सरकार की ओर से उसे पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है इसको देखते हुए उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डॉ0 दिनेश चंद्र शर्मा के नेतृत्व में पुरानी पेंशन बहाली एवं 21 सूत्रीय मांगों को पूरा करने हेतु अगस्त माह से सुनियोजित संघर्ष चल रहा है जिसमें सर्वप्रथम प्रदेश के समस्त
ब्लॉक स्तर पर संबंधित विधायकों को ज्ञापन सोपा गया उसके पश्चात तहसील स्तर पर एवं 4 सितंबर को प्रदेश के समस्त जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पर धरना आयोजित कर माननीय मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया गया। जिसमें 8 अक्टूबर तक मांगों का निराकरण न होने पर 9 अक्टूबर को शिक्षा निदेशालय निशातगंज लखनऊ पर धरना प्रदर्शन करने के लिए चेताया गया था।
परंतु सरकार द्वारा इस परअभी तक कोई संज्ञान ना लिए जाने के कारण कल जनपद के विभिन्न विकास क्षेत्रों, तहसीलों एवं जनपद स्तर के 500 se अधिक शिक्षक प्रतिनिधि अपना आकस्मिक अवकाश लेकर लखनऊ कूच करने की तैयारी में है।
जिला अध्यक्ष एवं प्रांतीय प्रचार मंत्री संजीव शर्मा ने बताया कि उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ का संघर्षमयी गौरवशाली इतिहास रहा है
और संगठन ने कुशल प्रतिनिधियों के नेतृत्व में शिक्षकों की मांगों को पूरा कराया भी है।
प्रदेश के शिक्षकों में पुरानी पेंशन बहाली ना होने के साथ-साथ अन्य मांगों के पूरा न होने से बहुत आक्रोश है।
जिला मंत्री उदयवीर सिंह यादव एवं जिला कोषाध्यक्ष सुशील चौधरी ने कहा कि शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली,कैशलेश चिकित्सा, अंतर्जनपदीय स्थानांतरण समेत अन्य मांग पूरी न होने के चलते पहले से ही परेशान है ऐसे में साप्ताहिक अवकाश के दिन भी महानिदेशक स्कूली शिक्षा के द्वारा विद्यालय खुलवाकर समस्त स्टाफ को उपस्थिति के लिए बाध्य करना स्पष्ट रूप से उनकी शिक्षकों के प्रति घृणित मानसिकता का घोतक है।
जिला प्रवक्ता आयुष भारद्वाज ने बताया कि शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त विभिन्न प्रकार के गैर शैक्षणिक कार्य लिए जा रहे हैं और शिक्षक उनकाे पूर्ण मनोयोग से कर भी रहे हैं उसके बावजूद भी शिक्षकों पर द्वेष भावना के साथ कार्रवाई करना सही नही है।