प्रभु श्री राम की तरह सभी जीवन में अपनाएं मर्यादा
बिल्सी में रामकथा का छठा दिन,उमड़ी भीड़
बिल्सी। नगर की श्री रामकृष्ण समिति के तत्वावधान में नगर के कछला रोड स्थित माहेश्वरी भवन में चल रही श्रीराम कथा के छठें दिन ऋषिकेश से पधारे सन्त अयोध्यादास जी रामायणी ने भक्तजनों का अध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हुए कहा कि श्रीराम चरित्र अति विचित्र है और परम पवित्र भी है। देवता भी श्रीराम के चरित्र के रहस्य को नहीं समझ पाते। श्रीरामचरित मानस का मुख्य सारांश यही है कि हमें प्रभु श्री राम की तरह मर्यादित होकर अपने जीवन के उत्तरदायित्व को निभाना होगा। आज पाश्चात्य संस्कृति के बढ़ते प्रचलन के चलते जिस प्रकार से भारतीय संस्कृति के मूल्यों पर प्रहार हो रहा है, उसी के परिणामस्वरूप आज हमारी युवा पीढ़ी तेजी से भ्रमित हो रही है। ऐसे में यदि भारतीय संस्कृति वेदों, पुराणों, ग्रंथों में बताए प्रेरणा प्रसंगों का प्रसार नहीं किया गया तो भविष्य में इसके गंभीर परिणाम हमारी भावी पीढ़ी को भुगतने पड़ेगे। कथावाचक ने कहा कि विद्वान बनना आसान है। सुजान और महान बनना भी आसान है, लेकिन इंसान बनना कठिन है। इस मौके पर समिति के सभी पदाधिकारी समेत क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद रहे।