7:59 am Friday , 31 January 2025
BREAKING NEWS

यूं कर रहा हूं मदीने का मैं सफ़र जैसे

यूं कर रहा हूं मदीने का मैं सफ़र जैसे

असीर कोई रिहा हो के जाए घर जैसे

बिल्सी के खैरी गांव में हुआ मुशायरा

बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव खैरी में जशने ईद मिलादुन्नबी के मौक़े पर एक नातिया मुशायरा आयोजित किया गया। जिसकी सदारत जनाब नसीम हाशमी चन्दौसवी और निज़ामत जनाब सौहराब ककरालवी ने की।

नसीम हाशमी चन्दौसवी ने फरमाया-

मै भी हस्सान के मानिंद जो शायर होता

मुस्तफ़ा अपने तबस्सुम में सजा लेते मुझे।

महमान ए ख़ुसूसी जनाब फ़हमी बदायूंनी ने अर्ज़ किया-

यूं कर रहा हूं मदीने का मैं सफ़र जैसे

असीर कोई रिहा हो के जाए घर जैसे

वासिक़ पुसगवावी ने अर्ज़ किया-

जो तुम्हारी भी कहीं हम नात पढ़ने बैठ जाते हैं

अदब से उस जगह आकर फ़रिश्ते बैठ जाते हैं

सुहराब ककरालवी ने पढ़ा-

जो उनके दर को फ़क़त आसमां समझते हैं।

वो मेरे आक़ा की रिफ़अ़त कहां समझते हैं।

अन्जुम लक्ष्मपुरी ने सुनाया-

न वो दौलत से न ताक़त से न ख़न्जर से चला

काम दुनिया में जो किरदार ए प्यम्बर से चला

ग़ुबार सहसवानी ने कुछ यूं कहा-

बज़्म ए मीलाद ए अहमद सजाते हैं हम

आप के दिल को तकलीफ़ होती है क्यूं

क़ासिम ख़ैरवी ने पेश किया-

जिनकी से आमद हुआ बेहतर निज़ाम ए कायनात

उनके जशने ए पाक पर फ़तवे लगाना छोड़ दें

कामिल अरौलवी ने पेश किया-

रोज़ पढये तरजुमे के साथ क़ुरआन ए मुबीं

रोज़ देखा कीजिए चेहरा रसूल ए पाक का

इसके अलावा अमीर उददीन बिसौलवी, अज़हर सहसवानी, जनाब मशकूर नजमी, श्रीदत्त शर्मा बिसौलवी, माजिद बिसौलवी, फ़ारूक़ हथरवी, असीर हथरवी, मन्सूर हथरवी, इक़बाल हाशमी ने भी नात पाक पढ़ कर अपनी अक़ीदत का इज़ार किया।