10:19 am Friday , 31 January 2025
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नमस्ते जी – आचार्य संजीव रूप

.🕉️🙏 *नमस्ते जी* 🙏🕉️
– आचार्य संजीव रूप
🚩 *भाद्रपद – – -शुक्ल –
१५ -२०८०* 🚩

🔥 *29 सितम्बर 2023* 🔥~~~~~~~~~~~~~~~~
दिन —– *शुक्रवार*
‘तिथि : *पूर्णिमा*
नक्षत्र — *उत्तरा भाद्रपद*
पक्ष —— *शुक्ल*
माह– — *भाद्रपद*
ऋतु ——– . *शरद*
सूर्य —— *दक्षिणायने*
विक्रम सम्वत — 2080
दयानन्दाब्द — 199
वङ्गाब्द – 1429
शक सम्बत -. 1945
कलयुगाब्द,: 5125.
कल्प सृष्टि सम्वत–1972949124वां
वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२४ वां
*सूर्योदय-/सूर्यास्त* (दिल्ली- 6:13 / 6:10 (लखनऊ : 5:58/ 5:56
*सूर्य राशि*: कन्या
*चन्द्रराशि*: मीन
*ब्रहा मुहूर्त*: 4:45 से 5:33 प्रातः तक
🔥शरद पूर्णिमा

🙏पितृ पक्ष आरम्भ

🌹 *रूप-वाणी*
जो पूर्ण है वही अपूर्ण को पूर्ण बना सकता है..,पूर्ण केवल परमेश्वर है,हमें पूर्ण होना है तो परमेश्वर से ही जुड़ना होगा।

🍄 *पहला सुख निरोगी काया*
टमाटर: टमाटर में कैल्शियम -चूना अन्य सब्जियों की अपेक्षा अधिक पाया जाता है, दांतों व हड्डियों की कमजोरी दूर करने के लिए टमाटर का सेवन जरूरी है

🌷 *संजीव रूप*
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072

*हिन्दी संकल्प पाठ* 🏵

हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब सत्तानवे करोड़ उनतीस लाख उनन्चास हजार एक सौ चौवीसवां है,कलियुगाब्द 5125, विक्रम सम्वत् दो हजार अस्सी है,दयानन्दाब्द 199 वां है, सूर्य दक्षिण अयन में उत्तर गोल में वर्तमान है ,कि *ऋतु शरद, *मास भाद्रपद *शुक्ल पक्ष,अमावस्या तिथि- नक्षत्र उ भाद्रपद/ रेवती,आज शुक्रवार है,*29 सितम्बर 2023* को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,

🕉️ *संस्कृत संकल्प पाठ:*🕉

ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि चतुर्विन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चसहस्त्राणि पंचविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, अशीत्युत्तर द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्दे(नवनवती उत्तर शततमे) १९९ , रवि दक्षिणायने, उत्तर गोले, *शरद* ऋतौ, *भाद्रपद मासे, शुक्ल पक्षे,पूर्णिमा तिथि,उत्तरा भाद्रपद नक्षत्रम्,*शुक्रवार* तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2023 सितम्बर मासः, *29*’
दिनाङ्क*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् . सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏.