उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रुप में मनाया दसलक्षण पर्व का अंतिम दिन
बिल्सी। नगर के मोहल्ला दो स्थित चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन मन्दिर में मनाए जा रेह दसलक्षण पर्व का अंतिम दिन यहां उत्तम ब्रह्मचर्य धर्म के रुप में मनाया गया। यहां सबसे पहले श्रावको ने भगवान जिनेन्द्र स्वामी का जलाभिषेक, पूजा-अर्चना की। जैन समाज के पंडित जितेंद्र प्रकाश आत्मन ने प्रवचन देते हुए कहा कि कामसेवन का मन से, वचन से तथा शरीर से परित्याग करके अपने आत्मा में रमना ब्रह्मचर्य है। संसार में समस्त वासनाओं में तीव्र और दुद्र्वर्ष काम वासना है। इसी क्रम में यहां किसमे कितना है दम प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें महावीर और पार्श्वनाथ टीम ने हिस्सा लिया। पार्श्वनाथ टीम ने सर्वाधिक 60 अंक प्राप्त कर अव्वल रही। इस मौके पर मृगांक कुमार जैन, नीरेश जैन, प्रशांत जैन, अनूप जैन, प्रीत जैन, अनिल कुमार जैन, डॉ आरती जैन, स्वीटी जैन, मोना जैन आदि मौजूद रहे।