खून के रिश्ते से भी ज्यादा अपनत्व देने वाली मां को नमन—– महेंद्र
शत् शत् नमन, पुण्य तिथि।
प्रचारक जीवन में बहुत से परिवार में अपने घर जैसा अपना अपनत्व मिला,खून के रिश्तों से भी ज्यादा स्नेह मिला। अपनी चिंता छोड़कर मेरी करने की ।कभी घर की कमी महसूस नहीं होने दी। चारों बेटियों के बीच दो बेटे होने के बाद भी अपना बेटा मेरे को माना। राजेश जी, प्रवीण जी उझानी बदायूं। इसी स्नेह के कारण प्रवीण शर्मा जी संघ के प्रचारक बने आज विश्व विख्यात कथा वाचक है। राजेश जी विद्या भारती द्वारा संचालित विद्यालय में बच्चों को देश भक्ति, राष्ट्र भक्ति की शिक्षा दे रहे।
मां -पिता बहिनों के स्नेह के कारण ही संघ परिवार अपना परिवार ही है।आज भी मेरा परिवार जैसा ही भाव है।
माता जी की पुण्यतिथि पर, चरणों में नमन।
ज्ञात रहे महेंद्र जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के उत्तराखंड के प्रांत प्रचारक आदि दायित्व का निर्वहन कर वरिष्ठ प्रचारक हैं ।