अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन AIPC संस्था के तत्वावधान में प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस एवं विश्वकर्मा जयंती पर काव्य व विचार गोष्ठी का आयोजन।
अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन AIPC संस्था के तत्वावधान में प्रधानमंत्री जी के जन्मदिवस एवं विश्वकर्मा जयंती पर डॉ कमला माहेश्वरी AIPC(पदाधिकारी) उत्तर प्रदेश प्रभारी अध्यक्ष के आवास पर काव्य व विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर एवं प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी के चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पार्पण कर किया गया। सरस्वती वंदना डॉ कमला माहेश्वरी के मधुर कंठ से की गई।अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन संस्था की पदाधिकारी वरिष्ठ कवयित्री डॉ कमला माहेश्वरी ने कहा -‘जन्मदिवस पर मोदी जी के आओ नमन करें ।
कोटि बधाई दे उनको हम,भारत चमन करें ।
●सबके हित सबके विकास में,मन विश्वास जगे।
विश्वेश्वर के उस वरदायी,का फिर वरण करें।।
●निजी स्वार्थ से बढ़कर जिनको,जन-हित ध्यान रहे ।
विश्व बंधुता अलख जगायें,आओ जतन करें।
●जी ट्वण्टी रच जिसने जग में, वैश्विक साख रची ।
चद्रयान चन्द्र भू भेजा,उनका भजन करें ।
अतिथि स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने माननीय प्रधानमंत्री के जन्मदिन पर ह्दय के उदगार कुछ इस प्रकार रखे-‘संघर्षों में तपकर राजनैतिक योगी की तरह काम कर रहे हैं । भारत को विश्व गुरु का सम्मान मिले इसके लिए सतत कामना है कि प्रधानमंत्री जी निरंतर काम करते रहें।
संचालन कर रही डॉ शुभ्रा माहेश्वरी ने सृष्टि के इंजीनियर शिल्पशास्त्र के सर्जक विश्वकर्मा व देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी को समर्पित पंक्तियां कहीं -इनसे मिलती प्रेरणा, नित्य नवल का भान।
कर-कर विदित बताइए, गुणीजनों को मान।
बैठे-ठाले क्यों रहें, नयन लखें सुन कान।
नव प्रयोग के साथ में, सरस हमारे गान।
नित उठ नव्य प्रयास से, सम्प्रभुता को तान।
उनकी दी शुरुआत से, गया चन्द्र पर यान।
सरला चक्रवर्ती ने स्वरचित पंक्तियां दीं-‘हमारे प्रधानमंत्री का संपूर्ण जगत में बोलबाला है,देखो उनका यश निराला है। देकर विश्वास सुनहरे कल का इतिहास रच डाला है।’
डॉ निशि अवस्थी ने कहा -‘मोदी है तो सब मुमकिन है, इनकी हर बात पर सबको यकीन है।’ श्री मती शची गुप्ता ने कहा -विश्वकर्मा ने जग रचा जन जन किया सुजान, उनमें से एक रचा नरेंद्र मोदी महान।प्रमिला गुप्ता, सदस्य (AIPC)ने कहा-‘ गुजरने वाले को क्या पता था हर सड़क हादसा था।’
संयोजन शरद गुप्ता का रहा ।यश गुप्ता ,छवि माहेश्वरी की सक्रिय भागीदारी रही। अंत में डॉ कमला माहेश्वरी ने सभी का हार्दिक आभार व्यक्त किया।