राजकीय महाविद्यालय में ओजोन दिवस मनाया गया
आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय बदायूं में राष्ट्रीय सेवा योजना एवं वनस्पति विज्ञान विभाग के सहयोग से वन विभाग द्वारा ओजोन दिवस का आयोजन कर छात्र-छात्राओं को ओजोन परत की सुरक्षा के प्रति जागरूक किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने तथा संचालन एनएसएस के नोडल अधिकारी डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने किया।
मुख्य वक्ता वन अधिकारी आकांक्षा गुप्ता ने छात्र छात्राओं को ओजोन परत के महत्व के बारे बताया तथा उसकी सुरक्षा के लिए जागरूक किया।
रेंजर अशोक कुमार ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है। पराबैंगनी किरणें त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
वनस्पति विज्ञान की प्रोफ़ेसर डॉ सरिता यादव ने कहा कि ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले मुख्य कारक क्लोरोफ्लोरोकार्बन एक प्रकार का गैस है जिनका उपयोग फ्रिज, एयर कंडीशनर और अन्य उपकरणों में किया जाता है। CFCs ओजोन परत को नष्ट कर देते हैं, जिससे पृथ्वी पर जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है। डॉ हुकूम सिंह ने कहा कि विश्व ओजोन दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जिससे हम ओजोन परत के महत्व को याद रखें और इसे बचाने के लिए काम करना जारी रखें। डॉ सतीश सिंह यादव ने कहा कि ओजोन परत पृथ्वी के लिए एक अनिवार्य सुरक्षा कवच है। यह सूर्य से आने वाली हानिकारक पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करके हमें और हमारे ग्रह को नुकसान से बचाता है। डॉ नीरज कुमार ने कहा कि ओजोन परत के बिना, पृथ्वी पर जीवन असंभव होगा। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम ओजोन परत की रक्षा के लिए सतत प्रयत्नशील रहें।
अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ श्रद्धा गुप्ता ने कहा कि हम लोगों को CFC-मुक्त उत्पादों का उपयोग करना चाहिए जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले मुख्य कारकों में से हैं। उन्होंने ऊर्जा की बचत करने का आह्वान किया। कार्यक्रम अधिकारी डॉ बबिता यादव ने प्लास्टिक कचरे को कम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक कचरे का निस्तारण अक्सर ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों को उत्पन्न करता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि
हमारे द्वारा अपने जीवनचर्या में किए गए छोटे-छोटे बदलाव ओजोन परत की रक्षा में एक बड़ा अंतर ला सकते हैं।
इस अवसर पर डॉ सारिका शर्मा,डॉ सचिन राघव, डॉ गौरव सिंह, डॉ राजधारी यादव, डॉ संजय कुमार, डॉ दिलीप वर्मा, डॉ ज्योति बिश्नोई, अनूप सिंह यादव, अनुज प्रताप, प्रशान्त कुमार,आदि ने विचार व्यक्त किए।