10:20 am Friday , 31 January 2025
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*2050 तक विश्व में हिंदी का परचम लहराएगा: आचार्य रूप*

बिल्सी, तहसील क्षेत्र के यज्ञ तीर्थ गुधनी में स्थित आर्य समाज मंदिर में हिंदी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर आर्य संस्कार शाला गुरुकुल के बच्चों को हिंदी का शुद्ध उच्चारण सिखाया गया तथा हिंदी के अनेक शब्दों का ज्ञान कराया गया । आर्य समाज के अंतरराष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कहा “हिंदी को मैं 2050 तक विश्व की मान्य भाषा के रूप में देख रहा हूं। पूरी दुनिया में संस्कृत और हिंदी का मान बढ़ रहा है और यह इसलिए है क्योंकि विश्व का समस्त ज्ञान संस्कृत भाषा में है। हिंदी उसकी बेटी है। हिंदी में जो भी लिखा जाता है वही पढ़ा जाता है। ना कोई अक्षर बड़ा होता है ना छोटा होता है, जितने स्वर है व्यंजन हो सकते हैं वे सब हिंदी भाषा में है । हिंदी की विशेषता यह भी है कि इसकी ध्वनियाँ बहुत वैज्ञानिक है, जिससे यह मस्तिष्क के रोगों को भी दूर करती है। समस्या यह आती है कि हम लोग हिंदी तो बोलते हैं पर हमारी भाषा में बहुत से शब्द अंग्रेजी उर्दू फारसी के भी रहते हैं इस कारण हिंदी प्रभावशाली नहीं हो पाती आवश्यकता है कि सभी शिक्षक बच्चों को शुद्ध हिंदी बुलवाएं और प्रयत्न करके हिंदी भाषा बोलते समय उर्दू अंग्रेजी भाषा के शब्दों का वह उपयोग न करें। वैदिक विदुषी कुमारी तृप्ति आर्य शास्त्री ने कहा “जिस व्यक्ति को अपनी भाषा पर गर्व नहीं होता वह पतित हो जाता है! हम अपना अधिकांश कार्य अंग्रेजी में करने लगे हैं, आवश्यकता यह है कि हम सभी प्रतियोगी परीक्षाएं हिंदी में करें साथ ही सरकारी विभागों में हिंदी को और जहां विशेष कर हिंदी भाषी लोग रहते हैं वहां हिंदी में ही कार्य कराया जाए। इस अवसर पर कुमारी भावना रानी अंजली सिंह, ईशू रानी, संतोष कुमारी, रेखा रानी, राकेश आर्य एवं संस्कारशाला के बच्चे मौजूद रहे