साधु वेश में आया रावण,सीता का हरण कर ले गया
बिल्सी के नगला डल्लू में रामलीला का तीसरा दिन
बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव नगला डल्लू स्थित जाहरवीर बाबा के मंदिर पर चल रहे मेले में राकेश शर्मा कृष्णलीला एवं संगीत पार्टी हाथरस के कलाकारों के द्वारा आज सीता स्वंयवर के बाद मारीच वध और सीता हरण की लीलाओं का मंचन किया गया। पंचवटी में राम, सीता और लक्ष्मण बैठे हैं। इसी बीच वहां रावण की बहिन सूर्पणखा आती है और राम की मोहिनी छवि पर रीझ जाती है। लक्ष्मण उसके कान और नाक काट देते हैं। चिल्लाती हुई सूर्पणखा अपने भाई रावण के पास जाकर सारा दुख सुनाती है तो रावण अपने मामा मायावी मारीच को स्वर्णमृग बना कर पंचवटी भेजता है। स्वर्णमृग को देख सीता राम से उसका आखेट कर मृगचर्म लाने के लिए आग्रह करती हैं। राम लक्ष्मण को सीता की सुरक्षा का भार सौंप कर मृग के पीछे चले जाते हैं। राम के वाण से आहत मारीच राम के ही स्वर में हा लक्ष्मण की पुकार लगाता है, जिसे सुन कर सीता व्याकुल हो जाती हैं और लक्ष्मण को उनकी सहायता के लिये जाने के लिए आदेशित करती हैं। लक्ष्मण कुटिया के बाहर एक रेखा खींच और उसके बाहर नहीं आने का अनुरोध करके चले जाते हैं। उसी क्षण साधु का वेश धारण कर रावण वहां आकर भिक्षा मांगता है और सीता का हरण कर लेता है। इस मौके पर मेला कमेटी के सभी पदाधिकारी मौजूद रहे।