डेंगू, मलेरिया से निपटने के लिए टीमें सक्रिय होकर करें कार्य : डीएम
बदायूँ : 06 सितंबर। जिलाधिकारी मनोज कुमार की अध्यक्षता में बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई। डीएम ने समस्त एमओआईसी को कड़े निर्देश दिए कि मलेरिया डेंगू का फैलने का पीक समय है। सभी चिकित्सक सतर्क होकर गंभीरता से कार्य करें। उन्होंने कहा कि एमओआईसी अपना सूचना तंत्र मजबूत रखें। बुखार आने की सूचना प्राप्त होते ही तत्काल पूरी टीम के साथ पहुंचकर मरीज का इलाज शुरू किया जाए। उन्होंने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि संचारी रोग नियंत्रण के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करें। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिस गांव में स्वास्थ्य कैंप आयोजित किया जा रहा है, कंट्रोल रूम के माध्मय से सूचित कर दिया जाए, जिससे सभी विभाग पहुंचकर अन्तर्विभागीय समन्वय बनाकर अपने-अपने विभाग युद्ध स्तर पर कराना सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य एवं सभी संबंधित विभाग डेंगू मलेरिया प्रभावित क्षेत्र में विशेष ध्यान देकर कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।
डीएम ने समस्त एमओआईसी को निर्देश दिए कि सीएचसी एवं पीएचसी को साफ सुथरा एवं स्वच्छ रखें। मरीज का समय से इलाज किया जाए एवं अस्पतालों में बैठने, पेयजल आदि व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अस्पतालों में वस्तुएं खराब हैं, उनको चिन्हित कर निष्प्रोज्य की कार्रवाई कराई जाए। अस्पतालों में सभी आवश्यक दवाएं उपलब्ध रहें। अस्पतालों में समस्त चिकित्सीय उपकरण सक्रिय रहे। पंचायती राज विभाग गांवों को साफ-सुथरा रखें, संचारी रोग की रोकथाम के लिए कहीं भी जल भराव ना होने दें।
डीएम ने निर्देश दिए कि टीकाकरण सत्र को आयोजित करने से पहले सभी प्रकार की तैयारी पूर्ण कर ली जाए। जहां-जहां टीकाकरण के सत्र का आयोजन होना है, वहां पहले से जाकर सारी व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर लिया जाए, ताकि टीकाकरण का सेशन होने पर शतप्रतिशत बच्चों का टीकाकरण हो सके। डिप्थीरिया की डोज बच्चों को समय से दी जाए, जिससे बच्चे बीमार ना हो। समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों पर सभी पैरामीटर्स की जांच की जाए। आंगनबाड़ी केंद्र पर सभी जांच उपकरण मौजूद रहे। सेम बच्चों की सातों इंडिकेटर पर सही से जांच कर ई-कवच पोर्टल पर एंट्री की जाए। गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच एवं टीकाकरण समय से किया जाए।
जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिए कि एमओआईसी द्वारा किए जा रहे कार्यों की सभी पैरामीटर पर गंभीरता से मॉनिट्रिंग कर अवगत कराएं। अस्पतालों के सभी संसाधन एक्टिव रहे, जिससे लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। उन्होंने निर्देश दिए कि कन्या सुमंगला योजना शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजना है। इस योजना को गंभीरता से लेकर बच्चियों का समय से पंजीकरण कराना सुनिश्चित करें। स्वास्थ्य विभाग के भवनों को हस्तांरित होने से पहले सभी मानकों की अच्छे ढंग से जांच कर ली जाए। एमओआईसी सभी कार्य अपने देखरेख में करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी केशव कुमार, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय सहित अन्य संबंधित अधिकारी एवं चिकित्सक मौजूद रहे।