.🕉️🙏 नमस्ते जी 🙏🕉️
– आचार्य संजीव रूप
🚩 श्रावण – -शुक्ल – १५ -२०८० 🚩
🔥 31 अगस्त 2023 🔥~~~~~~
दिन —– गुरुवार
‘तिथि : .पूर्णिमा 7:07am तक फिर प्रतिपदा
नक्षत्र — .शतभिषा
पक्ष —— शुक्ल
माह– — श्रावण
ऋतु ——– . वर्षा
सूर्य —— दक्षिणायने
विक्रम सम्वत — 2080
दयानन्दाब्द — 199
वङ्गाब्द – 1429
शक सम्बत -. 1945
कलयुगाब्द,: 5125.
कल्प सृष्टि सम्वत–1972949124वां
वेदोत्पत्ति सृष्टिसम्वत- १९६०८५३१२४ वां
सूर्योदय-/सूर्यास्त (दिल्ली- 5 : 56 / 6:51 (लखनऊ : 5:42/ 6:34
सूर्य राशि: सिंह
चन्द्रराशि: मकर
ब्रहा मुहूर्त: 4:35 से 5:23 प्रातः तक
🕉️श्रावणी उपाकर्म व रक्षा बंधन की हार्दिक शुभकामनाएं, द्विज आज यज्ञोपवीत बदले..!वेद पढ़ें
🌹 रूप-वाणी:
श्रवण से श्रावण और श्रावणी पर्व सिद्ध हुआ है, अर्थात् वेद की सुनो, भगवान की सुनो, अच्छा सुनोगे अच्छा बोलोगे अच्छा सोचोगे. अच्छा ही होगा
🍑 पहला सुख निरोगी काया
ज्वर: महासुदर्शन काड़ा भोजनोपरान्त प्रातः सायम् लें
🌷 संजीव रूप
सरस वेदकथाकार,पुरोहित,कवि
यज्ञतीर्थ- गुधनी-बदायूँ(उप्र)
9997386782 wu 9870989072
हिन्दी संकल्प पाठ 🏵
हे परमात्मन् आपको नमन! आपकी कृपा से मैं आज एक यज्ञ कर्म को तत्पर हूँ, आज एक ब्रह्म दिवस के दूसरे प्रहर कि जिसमें वैवस्वत मन्वन्तर वर्तमान है,अट्ठाईसवीं चतुर्युगी का कलियुग वर्तमान है। सृष्टिसम्वत एक अरब सत्तानवे करोड़ उनतीस लाख उनन्चास हजार एक सौ चौवीसवां है,कलियुगाब्द 5125, विक्रम सम्वत् दो हजार अस्सी है,दयानन्दाब्द 199 वां है, सूर्य दक्षिण अयन में उत्तर गोल में वर्तमान है ,कि ऋतु वर्षा, *मास श्रावण *शुक्ल पक्ष,पूर्णिमा तिथि- नक्षत्र शतभिषा,आज *गुरुवार है,*31 अगस्त 2023 को भरतखण्ड के आर्यावर्त देश के अंतर्गत, ..प्रदेश के ….जनपद…के ..ग्राम/शहर…में स्थित (निज घर में,या आर्यसमाज मंदिर में मैं …अमुक गोत्र में उत्पन्न, पितामह श्री ….(नाम लें ).के सुपुत्र श्री .(पिता का नाम लें)उनका पुत्र मैं …आज सुख ,शान्ति ,समृद्धि के लिए तथा आत्मकल्याण के लिए प्रातः वेला में यज्ञ का संकल्प लेता हूँ!(ऋत्विक वरण)- जिसके निर्देशक /ब्रह्मा के रूप में आप आचार्य….. श्री का वरण करता हूँ,
🕉️ संस्कृत संकल्प पाठ:🕉
ओं तत्सद्।श्री ब्रह्मणो दिवसे द्वितीये प्रहरार्धे वैवस्वतमन्वन्तरे अष्टाविंशतितमे कलियुगे कलिप्रथमचरणे , एकोवृन्दः षण्णवतिकोटि: अष्टलक्षाणि त्रिपञ्चाशत्सहस्राणि चतुर्विन्शत्युत्तरशततमे सृष्टिसंवत्सरे, पञ्चशहस्राणि पंचविशत्युत्तरशततमे कलियुगे, अशीत्युत्तर द्विसहस्रतमे वैक्रमाब्दे ,, शाके १९४५ दयानन्दाब्द(नवनवती उत्तर शततमे) १९९ , रवि दक्षिणायने, उत्तर गोले, शरद ऋतौ, श्रावण मास:, शुक्ल पक्षे, तिथि पूर्णिमा, शतभिषा नक्षत्रम्,गुरुवार* तदनुसारम् आङ्गलाब्द 2023 अगस्त मासः, 31’
दिनांक*।
जम्बूद्वीपे,…
भरतखण्डे आर्यावर्तान्तर् गते ………प्रदेशे ,……..जनपदे.. ..नगरे……गोत्रोत्पन्नः….श्रीमान्.(पितामह)….(पिता..).पुत्रस्य… अहम् .'(स्वयं का नाम)…..अद्य प्रातः कालीन वेलायाम् सुख शान्ति समृद्धि हितार्थआत्मकल्याणार्थम् ,रोग -शोक निवारणार्थम् च यज्ञ कर्मकरणाय भवन्तम् वृणे/सम्पाद्यते।अद्यतनं दिनं सर्वेषां कृते मङ्गलमयं भूयात्!🙏