Sugandha Sharma वक्त ने कई जख्म भर दिए, लोग भी बहुत कुछ भूल गये, पर किताबों पर धूल जमने से , कहानियाँ कहाँ बदलती हैं !! #सुप्रभात_जिंदगी #सुगंधा #ॐ_नमो_भगवते_वासुदेवाय_नमः