7:32 am Friday , 31 January 2025
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बाल विवाह शपथ एवं विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां कराई

कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन (यू.एस)दिल्ली एवं काशी समाज शिक्षा विकास संस्थान बदायूं द्वारा प्राथमिक विद्यालय एवं कु.स्वाति मेमोरियल पब्लिक स्कूल मुजाहिदपुर,बदायूं में स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर बच्चों द्वारा बाल विवाह शपथ एवं विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियां कराई गई।
स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर गैर सरकारी संगठन कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन,(यू.स.)दिल्ली एवं काशी समाज शिक्षा विकास संस्थान विकास संस्थान बदायूं प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर गौरव शंखधार ने बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए प्राथमिक विद्यालय मुजाहिदपुर बदायूं एवं कु.स्वाति मेमोरियल पब्लिक स्कूल मुजाहिदपुर बदायूं में विभिन्न सांस्कृतिक, जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस दौरान गांवों और स्कूलों में रैलियां,प्रभात फेरी निकाली गईं और लोगों को बाल विवाह के खिलाफ शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर शहर के प्रधानाचार्य मोहर सिंह जी एवं वीरेश कुमार जी, ग्राम प्रधान सुनील यादव जी, आरती सक्सेना, काउंसलर, सी.एस.डब्ल्यू गंगा सिंह जी एवं एस.एम.सी अध्यक्ष आंगनवाड़ी समूह सखी आदि और अन्य मलखान सिंह, फूल सिंह आदि लोग भी उपस्थित थे।
बाल विवाह के खिलाफ यह जागरूकता अभियान नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित और विश्व प्रसिद्ध बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के आह्वान पर चलाया जा रहा है जिन्होंने देशवासियों से एकजुट होकर बाल विवाह मुक्त भारत बनाने की अपील की है। उनके इस आह्वान पर देश भर के गैर सरकारी संगठन एकजुट होकर बाल विवाह के खिलाफ साझा अभियान चला रहे हैं।
भारत ने पिछले कुछ दशकों में बाल विवाह की बुराई को रोकने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है लेकिन आंकड़े बताते हैं कि स्थिति अभी भी गंभीर है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार देश में 20 से 24 आयु वर्ग में आने वाली 23.3 फीसद महिलाएं ऐसी हैं जिनका 18 साल से पहले ही विवाह कर दिया गया था। आंकड़े बताते हैं कि बाल विवाह के मामलों में पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है जबकि इसके बाद बिहार और त्रिपुरा का नंबर है। गरीबी और अशिक्षा इसके पीछे प्रमुख कारण हैं लेकिन जागरूकता की कमी और रूढ़िवादी सोच भी काफी हद तक जिम्मेदार हैं।
इस अवसर पर कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउंडेशन,(यू.एस.) दिल्ली एवं काशी समाज शिक्षा विकास संस्थान बदायूं के निदेशक/सचिव मीना सिंह जी ने कहा,“आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इन 75 वर्षों में हमने बहुत तरक्की की है और बहुत सारी उपलब्धियां हासिल की हैं लेकिन आज भी बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई देश के माथे पर कलंक है। देश को शक्तिशाली बनाने और तरक्की की राह पर ले जाने के लिए बेटियों की सुरक्षा जरूरी है। पिछले कुछ वर्षों में केंद्र और राज्य सरकारों ने विभिन्न योजनाओं और नीतिगत बदलावों के माध्यम से बेटियों के सशक्तीकरण और बाल विवाह के खात्मे के लिए तमाम कदम उठाए हैं लेकिन समाज को भी अपनी भूमिका निभानी होगी। सामाजिक जागरूकता और लोगों के सहयोग से ही बच्चों के बचपन को लील जाने वाली इस बुराई को खत्म किया जा सकता है।”
उन्होंने कहा कि बाल विवाह को खत्म करने के प्रति स्थानीय प्रशासन भी काफी संवेदनशील है। और आज स्वतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर संस्था द्वारा “बाल विवाह से आजादी” मुहिम के अंतर्गत बाल विवाह मुक्त भारत अभियान के तहत हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया जिस जिस दौरान पी.ओ. डूडा बदायूं देवेश जी द्वारा हस्ताक्षर कराकर अन्य अधिकारी कर्मचारियों से भी हस्ताक्षर कराए गए।स्थानीय प्रशासन से भी काफी सहयोग मिल रहा है।