8:04 am Friday , 31 January 2025
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यजमान विवेक गोयल मैमिया ने सपरिवार वेदियो का पूजन किया

जिसके मन मे दूसरे की भलाई, वही परम सुख पाता हे ।मेरे राम सेवा आश्रम पर रामकथा का 27वां दिन ।उझानी ( बदायूं )मेरे राम सेवा आश्रम पर चल रही एक माह की ( श्री राम कथा महोत्सव ) में आज 27बे दिवस के यजमान विवेक गोयल मैमिया सपरिवार रहे ,जिन्होंने वेदियो का पूजन किया, व्यास पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आज की रामकथा मे रवि जी समदर्शी महाराज ने कहा कि 9 प्रकार के लोगों से सावधान रहना चाहिए उनका विरोध नहीं करना चाहिए l
भेद जानने वाला, समर्थ स्वामी, मूर्ख,धनवान, वैद्य, भाट ,कवि ,रसोईया और शस्त्र धारी
मेरे रामजी ध्यान में हैं, जानकी जी राम जी की तरफ देख रही है, जैसे ही भगवान से दृष्टि हटकर नकली हिरण पर गई,स्वर्ण मृग मरीचिका में फंस गई और भगवान को जगा कर कहती हैं कितना सुंदर मृग है इसे पकड़ लो जब अयोध्या चलेंगे तब वहां ले चलेंगे भगवान ने बहुत समझाया लेकिन ,नहीं मानी ।भगवान को मृग के पीछे जाना ही पड़ा,ं मृग भगवान को बहुत दूर ले गया तब मेरे प्रभु ने एक बाण मारा बाण लगते ही लखन लखन लखन जोर से आवाज करने लगा ।
जानकी जी भगवान की आवाज में लखन सुनकर जानकी जी घबरा गई ।लखन प्रभु संकट में है लखन जी जानकी जी को समझाते हैं, अगर भगवान दृष्टि तिरछी कर ले तो सारी पृथ्वी संकट में आ जाए उन पर क्या संकट आ सकता है सीता जी ने उल्टा सीधा बहुत चुभने वाले शब्द बोले ,जिससे लखन लाल व्याकुल हो गये,तब लखन ने मां की सुरक्षा देवी, देवता, पशु, पक्षियों पर छोड़कर एक मानसिक शक्ति से रेखा खींची और मां को समझा कर भगवान के पास चल दिए।
गोस्वामी जी कहते हैं जिसके डर से देवता और राक्षस डरते हैं आज वही त्रिलोक विजयी रावण डरता हुआ चोरी से कुटिया की तरफ आता है, जानकी जी से भीख मांगता है और उन्हें उठा कर ले जाता ।है उधर जानकी जी प्रायश्चित करती है कहती हैं लखन तुम्हारा कोई दोषनहीं है ।मेरी ही गलती के कारण ही सब हुआ है, गिद्धराज जटायु ने जब सुना दौड़ कर आए और रावण से युद्ध हुआ ।अंत में रावण ने चंद्रहास से जटायु के पंख काट दिए। भगवान जानकी जी को ढूंढते फिर रहे हैं l गिद्ध राज जटायु ने प्रभु को बताया कि रावण लंका का राजा जानकी जी का अपहरण करके ले गया और मेरी गति भी उसी ने ऐसी की है राघव मुझे क्षमा करना मैं बहुत प्रयास किया लेकिन मैं जानकी को बचा नहीं पाया । भगवान ने कहा बोले जटायु कहो तो मैं आपको मुक्त कर दूं ,आप कहो तो आपको अमर कर दूं ,जटायु ने हाथ जोड़कर कहा नहीं प्रभु जिसका नाम लेकर पापी मुक्त हो जाते हैं ,वही आज मेरे सामने हैं और मुझे क्या चाहिए , आज मेरे जीवन की समस्त इच्छा अपेक्षाएं खत्म हो गई,गोस्वामी जी कहते हैं जिनके मन में सदा दूसरों की भलाई रहती हे वही परम सुख का भागी होता हे। आज की कथा में महेंद्र सिंह पूर्व प्रांत प्रचारक आरएसएस, मुनीश प्रेम जी , सतेंद्र सिंह चौहान,राजू चौहान, विकास चौहान ,विष्णु गुप्ता एडवोकेट, अंजू चौहान, गिरीश पाल सिसोदिया, आदि मौजूद रहे। राजेश वार्ष्णेय