*सहसवान जरीपुर गढ़िया में भरभरा कर गिरी दीवार बाल बाल बची पिता और बच्चों की जान*
सहसवान बदायूं आपको बताते चलें राकेश जरीफ पुर गाडियां मैं गरीबी मैं अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ जीवन व्यतीत करता है जोकि उसका कच्चा मकान है और पक्की छत के बजाय अपने घर में कच्ची दीवार के ऊपर पन्नी तानकर रहते हैं जो कि बरसात के दिनों में 13 / 8/ 2023 को अपने बच्चों को लेकर घर से बच्चों के लिए गांव में दुकान से कुछ सौदा दिलाने के लिए घर से जैसे ही निकले उनके थोड़ा आगे बढ़ते ही वह उनके घर की कच्ची दीवार गिर गई उनकी और उनके बच्चो को बाल बाल जान बची राकेश अपने कच्चे मकान में पन्नी के नीचे रहने को मजबूर है जोकि राकेश ने अपनी प्रधान मंत्री आवास योजना में भी फॉर्म डाला जोकि मकान का पात्र है और उसे अभी तक आवास नहीं मिल पाया है वह सरकार से आवास की बार-बार अपील कर रहा है ।