उझानी नगर स्थित श्री शीतला माता मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत महापुराण के सप्तम दिवस की कथा में कथा व्यास श्री श्रीश गोपाल जी महाराज ने सुदामा चरित्र एवं परीक्षित मोक्ष आदि प्रसंगों का सुंदर भावपूर्ण वर्णन किया।श्रीश जी ने बताया भगवान कृष्ण के मित्र सुदामा जी महाराज विरक्त एवं संतोषी ब्राह्मण थे जो मनुष्य जीवन में संतोष धारण करता है वह सबसे बड़ा धनी है श्री सुदामा जी अपनी पत्नी के आग्रह पर श्री द्वारकाधीश जी से दर्शन करने गए भगवान ने उनका बड़े उत्साह एवं भाव के साथ स्वागत और पूजन किया मित्र को गले लगा कर मित्र को देख कर दीनानाथ भगवान के आंखों में अश्रु की धारा प्रभावित होने लगी श्रीश गोपाल जी ने बताया भागवत की कथा भगवान की कृपा से प्राप्त होती है! इसके श्रवण मात्र से जीव का मुख्य हो जाता है| बृज की फूलों की होली का मनोरम आयोजन किया गया,जिसमें सभी भक्तगण मन मुक्त होकर नृत्य करने लगे कथा व्यास जी ने बताया कथा कृष्ण से मिला देती है कृष्ण और कृष्ण की कथा में कोई अंतर नहीं है कोई भेद नहीं है शुकदेव जी ने परीक्षित को कथा सुना कर सात दिन में कृष्ण प्राप्ति कराई थी श्रीमद्भागवत महापुराण साक्षात कृष्ण का ही स्वरूप है कथा श्रवण में शिव सनेही मिश्र संजय चतुर्वेदी संतोष वार्ष्णेय शिव किशोर माहेश्वरी टामसन भैया वैभव चतुर्वेदी मनु मिश्रा श्याम यादव मुनीश चौहान राधा कृष्ण यादव वेद शर्मा विनोद गुप्ता रमेश गुप्ता प्रमोद माहेश्वरी विष्णु गोपाल मिश्रा विनोद पाल वाचस्पति मिश्रा राकेश रामानुज सुभाष सपरा राकेश शर्मा प्रसून यादव मोहन महेंद्र सुरेंद्र गुप्ता रामअवतार गुप्ता नवरात्रि मिश्रा ज्योति वार्ष्णेय शालिनी वार्ष्णेय शालिनी मिश्रा नीना गुप्ता आशा उषा सक्सेना अनीता सक्सेना शारदा मिश्रा किरण माहेश्वरी सर्वेश माहेश्वरी पूजा सक्सेना सहित हजारों भक्तों उपस्थित थे|
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