12:32 am Friday , 31 January 2025
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भगवान राम ने शिव जी का धनुष तोड़ किया सीता से विवाह

भगवान राम ने शिव जी का धनुष तोड़ किया सीता से विवाह
बिल्सी में संपन्न हुई सात दिवसीय राम कथा
बिल्सी। नगर के कछला रोड स्थित माहेश्वरी धर्मशाला में चल रही श्रीराम कथा के अंतिम दिन कथावाचक पंडित अशोक दीक्षित ने सीता विवाह की कथा का विस्तार से सुनाया। उन्होने कहा कि राजा जनक अपनी पुत्री सीता के विवाह के लिए स्वंयवर आयोजित करते है। सभी को शर्त बताते हुए कहते है कि जो भी महारथी सामने रखें भगवान शिव के पिनाक धनुष को उठाकर उस पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा उसी से मेरी पुत्री सीता का विवाह संपन्न होगा। एक-एक करके आए और भगवान शिव के इस धनुष को उठाकर और उस पर प्रत्यंचा चढ़ा कर अपने बलाबल तथा शक्ति का परिचय देते है। लेकिन भगवान शिव के उस धनुष को उठाना या प्रत्यंचा चढ़ाना तो दूर कोई भी राजा महाराजा उस धनुष को हिला तक नहीं पाया। बहुत समय बीत जाने के बाद भी जब कोई राजा उस धनुष को हिला नहीं पाया तो महाराजा जनक को क्रोध आ गया। उन्हें लगने लगा कि कोई भी इस शिव धनुष को उठा नहीं पाएगा और उनकी पुत्री सीता अविवाहित ही रह जाएंगी। यही सोचकर उन्होंने वहां उपस्थित सभी राजाओं की निंदा करने शुरू कर दी कि उनमें से कोई भी लायक पुरुष नहीं है। जो शिव धनुष का उठा सके। राजा जनक की ऐसी अपमानजनक बातें सुनकर लक्ष्मण जी को क्रोध आ जाता है। तब श्रीराम विनम्र भाव से ऋषि विश्वामित्र जी को प्रणाम करके शिव धनुष की तरफ बढ़ते हैं तो वहां पर उपस्थित राजा उनका उपहास करने लगते हैं क्योंकि कहा जाता है कि उस समय भगवान राम की आयु लगभग 16 से 17 वर्ष की थी। इसलिए वहां उपस्थित सभी राजा उन्हें लो अब चिड़िया पहाड़ उठाने को चली है बोलकर उनका उपहास उड़ाते है। भगवान विष्णु के अवतार श्री राम सहर्ष भाव से शिव धनुष को प्रणाम करते हैं और केवल अपने एक ही हाथ से शिव धनुष को उठाकर धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा कर उसकी डोरी को खींच देते हैं। जिससे वह शिव धनुष टूट जाता है और स्वयंवर की शर्त के अनुसार देवी सीता और श्री राम का विवाह हो जाता है। माता सीता श्रीराम को वरमाला पहना देती हैं। यह देखकर राजा जनक तथा उनके परिवार जन की खुशी की कोई सीमा नहीं रहती। इसके कथा में आरती कर प्रसाद का वितरण किया जाता है। इस मौके पर सभासद प्रखर माहेश्वरी, नितिश माहेश्वरी, नरेंद्र गरल, लोकेश वार्ष्णेय, भुवनेश्वर वार्ष्णेय, आशीष वशिष्ठ, सोमेंद्र माहेश्वरी, डिंपल सोमानी, गोविंद सोमानी, विपिन मिश्रा, रूपेंद्र पाठक. रेशू माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।