11:01 pm Thursday , 30 January 2025
BREAKING NEWS

आईफ्लू से बचाव व उपाय को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइज़री

बदायूँ : 28 जुलाई। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ0 प्रदीप वार्ष्णेय ने अवगत कराया कि आम तौर पर यह बीमारी बारिश के मौसम में अधिक होती है, जिससे हमारी आंखो में एक पारदर्शी पतली झिल्ली, कंजक्टिवा होती है जो हमारी पलकों के अंदरूनी और आंखों की पुतली के सफेद भाग को कवर करती है, इसमें सूजन आने या संक्रमित होने को कंजक्टिवाइटिस या आंख आना कहते हैं। कंजक्टिवाइटिस की समस्या आंखों में बैक्टीरिया या वाइरस के संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन के कारण हो सकती है।
उन्होंने बताया कि एक या दोनों ऑखें लाल या गुलावी होना, एक या दोनों ऑखों में जलन या खुजली होना, असमान्य रूप से अधिक आंसू निकलना, ऑखों में चुभन महसूस होना, ऑखों में सूजन आ जाना आईफ्लू के लक्षण हैं।
उन्होंने बताया कि आईफ्लू के बचाव के लिए अपनी ऑखों को हाथ से बार-बार न छुयें। कोई भी वस्त्र छूने के बाद हाथों को साबुन से अवश्य धोंये। अपने निजी चीजों जैसे तैलिया, रूमाल, तकिया, चश्मा आदि को किसी से साजा न करें। संक्रमित व्यक्ति को अलग कमरे में रहने की व्यवस्था करें एवं अन्य सदस्य दूरी बनाये रखें। यदि आखें संक्रमित हैं तो काले चश्में का प्रयोग करें। यदि घर के किसी सदस्य को इन्फेक्शन है तो घर के शौचालय एवं स्नानगृह की सफाई का विशेष ध्यान रखें। बीमारी से प्रभावित हर व्यक्ति ऑखों के लिए आई ड्राप अलग-अलग इस्तेमाल करें।
उन्होंने बताया कि आई फ्लू के दौरान टी0वी0 या मोबाईल से खुद को दूर रखें। प्रतिदिन इस्तेमाल किये जाने वाले रूमाल या तौलिया को नियमित रूप से बदले एवं साफ रूमाल, तौलिया ही इस्तेमाल करें। समय-समय पर हाथों को साबुन से धोंऐ और सैनेटाइजर का इस्तेमाल करें। हर एक-आधे घण्टे में ऑखों को ठण्डे पानी से धोऐं। दूसरे व्यक्ति की आखों से सम्पर्क न बनायें। ऑखों को बार-बार हाथों से न छुयें।
उन्होंने स्कूलों को निर्देश दिए कि बच्चें संक्रमित हों उन्हें ठीक होने तक घर पर रहकर आराम करने की सलाह दी जाय एवं किसी अन्य बच्चे के सम्पर्क में आने से रोका जाये। स्कूलों में शौचालय की तीन से चार बार अच्छे से अवश्य सफाई कराएं। शौच के पश्चात् साबुन से हांथ आवश्य धुलाएं अथवा हैण्ड सेनेटाइजर का प्रयोग करायें। हाथों को सूखा रखा जाये। बच्चों के क्लास रूम को अधिक से अधिक साफ रखा जाय।
उन्होंने उपचार हेतु बताया कि इन लक्षणों की अधिकता होने पर निकटवर्ती चिकित्सालय में सम्पर्क कर चिकित्सक की सलाह के अनुसार एन्टीवॉयटिक/आई ड्राप का इस्तेमाल करें।
—-