चाँद नहीं यदि नभ में होता – sonroopa_vishal
चाँद नहीं यदि नभ में होता! मन कैसे कल्पित भावों के रेशम से सपनों में खोता चाँद नहीं यदि नभ में होता! प्रियतम से दूरी होने पर कैसे कोई धीरज धरता कैसे प्रियतम के मुखड़े की वो मयंक से उपमा करता कैसे नीरव-नीरव रातों में,मनवीणा झंकृत होती कैसे हृद की …
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