9:42 pm Saturday , 3 May 2025
BREAKING NEWS

बदायूं परिक्रमा

तुमको – Archana Upadhyay

Archana Upadhyay तुमको लिखती हूँ । मिटाती हूँ और सोचती हूँ । ये कमियाँ मिटती क्यों नहीं। । ये शब्दों की भाषा सरल होती क्यों नहीं। ।

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प्रेम – Gunjan Agrawal

Gunjan Agrawal प्रेम में एक दूसरे के साथ रहना , इतना “मायने” नहीं रखता, जितना कि हर कदम पर , एक- दूसरे के साथ चलना रखता है..!!! गुंजन शिशिर

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अहंकार – Pushpa

Pushpa रिश्ते अंकुरित होते हैं प्रेम से ! जिंदा रहते हैं संवाद से ! महसूस होते हैं संवेदनाओं से ! जिये जाते हैं दिल से ! मुरझा जाते हैं गलत फहमियों से ! और बिखर जाते हैं अहंकार से….

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धूप संग- Seema Sharma

Seema Sharma धूप संग मैंने खेलना सीख लिया, हवा से मैंने बात करना सीख लिया। चूड़ियों की खनक में बसी है मेरी हंसी, मैंने खुद से प्रेम करना सीख लिया।

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