एनएमएसएन दास पीजी कॉलेज में “शोध पद्धति कार्यशाला” के पांचवें दिन स्रोत प्रबंधन और शोध नैतिकता पर विशेषज्ञ व्याख्यान
बदायूं, 25 अप्रैल — नेहरू मेमोरियल शिव नारायण दास स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बदायूं के शोध निदेशालय एवं आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (IQAC) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक सप्ताहीय कार्यशाला के पांचवें दिन शैक्षणिक शोध के महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित सत्र संपन्न हुए।
प्रथम सत्र में जे.एस. हिन्दू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, अमरोहा के राजनीति विज्ञान विभागाध्यक्ष एवं वरिष्ठ शोध पर्यवेक्षक प्रो. (डॉ.) मनमोहन सिंह को रिसोर्स पर्सन के रूप में आमंत्रित किया गया। उन्होंने “शोध नैतिकता” और “स्रोत प्रबंधन: तकनीकियां एवं उपकरण” विषय पर अत्यंत जानकारीपूर्ण एवं व्यावहारिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। डॉ. सिंह ने शोध में स्रोत प्रबंधन की भूमिका को “शोध का प्राण” बताते हुए कहा कि यह शोध की मौलिकता, नैतिकता तथा अखंडता को बनाए रखने का आधार है। उन्होंने उद्धरण की विभिन्न शैलियों जैसे APA, MLA, शिकागो आदि तथा उद्धरण के प्रकारों जैसे इन्टरनेट उद्धरण, फुटनोट उद्धरण आदि का विस्तृत विवेचन किया।
द्वितीय सत्र में कार्यशाला के कोर्स कोऑर्डिनेटर एवं शारीरिक शिक्षा तथा खेल विभाग के सहायक आचार्य डॉ. प्रिंस विशाल दीक्षित ने प्रतिभागियों को उद्धरण और संदर्भ प्रबंधन के प्रमुख उपकरणों जैसे Zotero, Mendeley, EndNote आदि पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया। उन्होंने शोधकर्ताओं को उचित उद्धरण लेखन एवं ई-संसाधनों के प्रभावी उपयोग के माध्यम से आकस्मिक साहित्यिक चोरी से बचने की तकनीकों से अवगत कराया।
यह कार्यशाला महाविद्यालय के शोध निदेशालय एवं IQAC सेल के संयुक्त तत्वावधान में संचालित हो रही है, जिसके निदेशक प्रो. मनवीर सिंह हैं। साथ ही डॉ. जीवन कुमार एवं डॉ. आशीष गुप्ता जैसे समर्पित सदस्यों का इसमें महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।
कार्यक्रम प्राचार्य प्रो. (डॉ.) आशीष सक्सेना के संरक्षण में संचालित हो रहा है, जिनके मार्गदर्शन में यह कार्यशाला निरंतर सफलता की ओर अग्रसर है।
——– सौम्य सोनी जिला संवाददाता