।********* बदांयू 15 अप्रैल।
यूपी बोर्ड के नए सत्र की कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तकें बाजार में नहीं हैं। ऐसे में विद्यार्थी निजी प्रकाशकों की पुस्तकें खरीदने को मजबूर हैं। जबकि कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी की पुस्तकों का सेट 250 से 300 रुपये के बीच आ जाता है। वहीं निजी प्रकाशकों की पुस्तकों का सेट दो हजार से तीन हजार रुपये तक मिल रहा है। इससे अभिभावकों की जेब पर बोझ पड़ रहा है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में एक अप्रैल से नया शिक्षा सत्र शुरू हो गया है। इन विद्यालयों में एनसीईआरटी की किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। लेकिन नया सत्र शुरू होने के बाद भी कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी किताबें अभी तक बाजारों में नहीं पहुंच सकी हैं। इसके बदले एनसीईआरटी कि पाठ्य पुस्तकों व पाठ्यक्रम पर आधारित निजी प्रकाशकों की पुस्तकों की बाजार में भरमार है। जबकि कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी पुस्तकों का सेट 200 से 300 रुपये के बीच आ जाता है। जबकि निजी प्रकाशकों की किताबों का सेट 2000 से 3000 रुपये के बीच मिल रहा है। इनमें भी भौतिक, रसायन व जीव विज्ञान और गणित, अंग्रेजी की किताबें माफी महंगी है।
विभाग के अनुसार यूपी बोर्ड की कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी किताबों की टेंडर प्रक्रिया तो पूरी हो गई है। लेकिन अभी तक प्रकाशन निर्धारित नहीं किया गया है। जिसके चलते कक्षा नौ से 12वीं तक की एनसीईआरटी किताबों को दुकानदारों तक पहुंचने में जुलाई तक का समय लग सकता है। वहीं शिक्षकों का भी कहना है कि नया सत्र अप्रैल से शुरू तो हो जाता है। लेकिन हर बार किताबें जुलाई तक ही पहुंच पाती है।