बिल्सी। शुक्रवार को गांव अंबियापुर में महान समाज सुधारक शिक्षाविद और विचारक महात्मा ज्योतिबाराव फुले की जयंती मनाई गई। सभी ने उनके चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया गया। राकेश शाक्य ने कहा कि देश के वंचितों और पिछड़ों के सशक्तीकरण के लिए आजीवन कटिबद्ध महात्मा ज्योतिबा राव फुले आधुनिक भारत में महिला शिक्षा के अग्रदूत बने। सत्यशोधक समाज की स्थापना के माध्यम से समाज को कुरीतियों से मुक्त बनाने की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किए। अवधेश शाक्य ने कहा कि शिक्षा समानता और न्याय के माध्यम से सामाजिक परिवर्तन की बुनियाद रखने वाले महात्मा का जीवन अनुकरणीय है। उन्होनें बाल विवाह, विधवा, पुनर्विवाह और सामाजिक समानता का समर्थन किया साथ ही उन्होंने महिलाओं की शिक्षा के लिए आवाज उठाई। अपनी पत्नी सावित्रीबाई फुले को शिक्षित कर उन्हें पहली महिला शिक्षिका बनाया। आज इस देश में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं साक्षरता की ओर है। इस मौके पर राजाराम शाक्य, चन्द्र शेखर उर्फ टिंकू शाक्य, मुशाहिद मलिक, शिवओम शाक्य, प्रदीप शाक्य, ब्रह्मानंद, गंगा सहाय मौर्य, दिनेश बाबू, उदयवीर, रामेश्वर, रवेंद्र, मनोज, रूपसिंह आदि मौजूद रहे
