*उझानी बदांयू 6 अप्रैल। ईश्वर की भक्ति पूजा अर्चना करने की कोई उम्र नहीं होती यह देखना है तो 93 बर्षीय राजरानी धवन से सीखो। जो इस उम्र में भी मां दुर्गा के नवरात्रि व्रत पूरे दिन निराहार रहकर लगातार करती आ रही है। नवरात्रि में नित्य प्रति दिन सभी देवी देवताओ को स्नान कराकर स्वय प्रातः काल उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर माता रानी का श्रृंगार करना उनको चुनरी ओढाने से लेकर घंटो दुर्गा सप्तशती का पाठ कर सायंकाल को लोंग के जोड़े संग मामूली से पानी का आहार कर अपने आपको देवी भक्ति में लीन रखना, इस उम्र में वाकई में आसान नहीं।
हम बात कर रहे है नगर के मौहल्ला बहादुरगंज निवासी राजरानी धवन (93) पत्नी स्व. चरनदास धवन की इस उम्र के पडाव मे भी उनका निर्जला व्रत रखकर उनमें माता रानी के प्रति श्रृद्धा लगाव आस्था का जीता जागता उदाहरण है। 93 साल की उम्र में सुबह उठना मंदिर की साफ सफाई करना सभी देवी देवताओ को स्नान कराकर उनके बस्त्र बदलना उन सबका श्रृंगार कर विधि विधान से पूजा अर्चना करना उनकी नित्य क्रिया में शामिल हैं। नौ दिन माता रानी का निर्जला व्रत रखती है। सायंकाल माता रानी की आरती करने के बाद मामूली से पानी के साथ लोंग का आहार लेती है। उसके बाद परिवार के सभी सदस्यों को प्रसाद वितरण करती है। वही रात होने पर माता रानी के छंदो को गुनगुनाती रहती है। जो पूजा पाठ में समय व्यतीत कर अपने आप को स्वस्थ बनाए हुए हैं।हमारे समाज को एक उदारण मात्र है। जिसमें उनके बेटे,बहू व नाती नातिन में दर्शन धवन, ज्योति धवन, रेसू, पूनम, अंजली, अलका धवन, निशा मदान, उषा चावला, राशि, आशा धवन आदि का विशेष सहयोग रहता है। ——————————————- राजेश वार्ष्णेय एमके।
